Saturday, February 21, 2009

हिन्दी कविता संग्रह

लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।


भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!


मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती..............

-------------------------------------------------------------------------------------
मत करो कोई वादा जिसे नीभा ना सको,
मत चाहो उसे जिसे तुम पा ना सको,
प्यार कहां किसीका पुरा होता है?
प्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....


मुस्कुराकर जीना जींदगी है,
मुस्कुराकर गम भुलाना जींदगी है,
जीतकर हसे तो क्या हसे,
सब कुछ हारकर मुस्कुराना ही जींदगी है......
----------------------------------------------

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
------------------------------------------------------
कोई शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
कोई शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
हमे तो इंतजार है उस शाम का,
जो आए तुम्हे साथ लेकर..........
-------------------------------------------------------
फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती, सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,

22 comments:

  1. हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.

    एक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.

    ReplyDelete
  2. ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है… खूब लिखें, शुभकामनायें… कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें ताकि टिप्पणी देने में कोई बाधा न हो, धन्यवाद…

    ReplyDelete
  3. मत करो कोई वादा जिसे नीभा ना सको,
    मत चाहो उसे जिसे तुम पा ना सको,
    प्यार कहां किसीका पुरा होता है?
    प्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....


    मुस्कुराकर जीना जींदगी है,
    मुस्कुराकर गम भुलाना जींदगी है,
    जीतकर हसे तो क्या हसे,
    सब कुछ हारकर मुस्कुराना ही जींदगी है...
    ब्लोगिंग जगत में स्वागत है
    सुन्दर रचना के लिए शुभकामनाएं
    ये लाईने किसी अन्य ब्लोग पर भी देखी हैं ।
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

    ReplyDelete
  4. भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
    हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
    बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
    पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!

    बहुत खूबसूरत नज्में हैं सब की सब
    देर तक पढता रहा, उम्मीद है आगे भी ऐसे शेरोन से मुलाक़ात होती रहेगी

    ReplyDelete
  5. क्या कहूँ .............बस वाह ....वाह .........आपका संप्रेषण अत्यन्त प्रभावशाली है ........!!

    ReplyDelete
  6. अच्छी कविताएं।
    ब्लोगिंग जगत में स्वागत है
    शुभकामनाएं
    from darddilka

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर रचनाएं है। बधाई।

    ReplyDelete
  8. हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है ,मेरी शुभकामनाएं ...........

    ReplyDelete
  9. मूल्यवान विचार एवं अभिव्यक्ति ..धन्यवाद ..

    ReplyDelete
  10. प्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....
    वाह, सुंदर रचनाओ के लिए बधाई,और हिंदी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत

    ReplyDelete
  11. jindgi ko agar jeena he apko to dil me jazbaat jaga kar jiyo,jalo to is tarha ki kisi ka ghar ujalo se bhar jaye.

    ReplyDelete
  12. Kaphi mast likhate hain aap aise hi likhate rahie.

    ReplyDelete
  13. धूप थी

    उस राह पर
    जिस भी
    चले

    न फूल चाहे

    न बहार का इंतजार किया




    एक उम्मीद का दामन

    हाथों से लिपटा था

    जब सफर पे निकले थे

    ReplyDelete
  14. Nilamji,
    Ise ittfak kahu ya kuch aur samjh nahi aata
    कोई शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
    कोई शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
    हमे तो इंतजार है उस शाम का,
    जो आए तुम्हे साथ लेकर..........

    aaj se kuch saal pahale kuch aisa SMS mujhe ek aziz ka mila tha aur kabhi kahi internet par usane bhi kuch aisi hi photo laga rakhi hai khud ko represent karane ke liye ....do inssano ki soch is had tak milati hai bahut rochak laga :)
    bahut accha likhati hai aap dhero shubhkamnae

    ReplyDelete
  15. NEELAM EK AISA RATN HAI JO HAR KISI KO SHUBH NAHI HOTA PARANTU JISE MATCH KARATA HAI USE BAHUT PRAGATI DETA HAI. TUMHE TUMHARE ANKOOL HIRA MILE. BAHUT SI SHUBHKAMNAYE. NARAYAN BHUSHANIA

    ReplyDelete
  16. gamon k sayen me rahte rahte main muskurana vul gaya. darde dil ko sahte sahte main dil lagana vul gaya. gam hi hasna gam hi rona gam hi mera khilona hai .gam k rahte idhar udhar main aana jana vul gaya.

    ReplyDelete
  17. suraj chalata hi rahata hai
    rookane ka nama nhin
    subah chala poorab me aakar
    phir usako aarama nhin
    chalata roj rah par apani
    dinbhar kahi viram nhin

    ReplyDelete