लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं होती..............
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मत करो कोई वादा जिसे नीभा ना सको,
मत चाहो उसे जिसे तुम पा ना सको,
प्यार कहां किसीका पुरा होता है?
प्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....
मुस्कुराकर जीना जींदगी है,
मुस्कुराकर गम भुलाना जींदगी है,
जीतकर हसे तो क्या हसे,
सब कुछ हारकर मुस्कुराना ही जींदगी है......
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कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
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कोई शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
कोई शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
हमे तो इंतजार है उस शाम का,
जो आए तुम्हे साथ लेकर..........
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फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती, सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
Saturday, February 21, 2009
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हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
अच्छी कविताएं। स्वागत है।
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है… खूब लिखें, शुभकामनायें… कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें ताकि टिप्पणी देने में कोई बाधा न हो, धन्यवाद…
ReplyDeleteमत करो कोई वादा जिसे नीभा ना सको,
ReplyDeleteमत चाहो उसे जिसे तुम पा ना सको,
प्यार कहां किसीका पुरा होता है?
प्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....
मुस्कुराकर जीना जींदगी है,
मुस्कुराकर गम भुलाना जींदगी है,
जीतकर हसे तो क्या हसे,
सब कुछ हारकर मुस्कुराना ही जींदगी है...
ब्लोगिंग जगत में स्वागत है
सुन्दर रचना के लिए शुभकामनाएं
ये लाईने किसी अन्य ब्लोग पर भी देखी हैं ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
ReplyDeleteहसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
बहुत खूबसूरत नज्में हैं सब की सब
देर तक पढता रहा, उम्मीद है आगे भी ऐसे शेरोन से मुलाक़ात होती रहेगी
हमारी भी शुभकामनायें
ReplyDeleteक्या कहूँ .............बस वाह ....वाह .........आपका संप्रेषण अत्यन्त प्रभावशाली है ........!!
ReplyDeleteअच्छी कविताएं।
ReplyDeleteब्लोगिंग जगत में स्वागत है
शुभकामनाएं
from darddilka
बहुत सुन्दर रचनाएं है। बधाई।
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है ,मेरी शुभकामनाएं ...........
ReplyDeletebahut hee sundar. narayan narayan
ReplyDeleteमूल्यवान विचार एवं अभिव्यक्ति ..धन्यवाद ..
ReplyDeleteप्यार का तो पहिला अक्षर ही अधुरा होता है....
ReplyDeleteवाह, सुंदर रचनाओ के लिए बधाई,और हिंदी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत
jindgi ko agar jeena he apko to dil me jazbaat jaga kar jiyo,jalo to is tarha ki kisi ka ghar ujalo se bhar jaye.
ReplyDeleteKaphi mast likhate hain aap aise hi likhate rahie.
ReplyDeleteachha sangrah
ReplyDeleteधूप थी
ReplyDeleteउस राह पर
जिस भी
चले
न फूल चाहे
न बहार का इंतजार किया
एक उम्मीद का दामन
हाथों से लिपटा था
जब सफर पे निकले थे
Nilamji,
ReplyDeleteIse ittfak kahu ya kuch aur samjh nahi aata
कोई शाम आती है तुम्हारी याद लेकर,
कोई शाम जाती है तुम्हारी याद देकर,
हमे तो इंतजार है उस शाम का,
जो आए तुम्हे साथ लेकर..........
aaj se kuch saal pahale kuch aisa SMS mujhe ek aziz ka mila tha aur kabhi kahi internet par usane bhi kuch aisi hi photo laga rakhi hai khud ko represent karane ke liye ....do inssano ki soch is had tak milati hai bahut rochak laga :)
bahut accha likhati hai aap dhero shubhkamnae
NEELAM EK AISA RATN HAI JO HAR KISI KO SHUBH NAHI HOTA PARANTU JISE MATCH KARATA HAI USE BAHUT PRAGATI DETA HAI. TUMHE TUMHARE ANKOOL HIRA MILE. BAHUT SI SHUBHKAMNAYE. NARAYAN BHUSHANIA
ReplyDeletegamon k sayen me rahte rahte main muskurana vul gaya. darde dil ko sahte sahte main dil lagana vul gaya. gam hi hasna gam hi rona gam hi mera khilona hai .gam k rahte idhar udhar main aana jana vul gaya.
ReplyDeletePLEASE DELETE THIS WEBSITE
ReplyDeletesuraj chalata hi rahata hai
ReplyDeleterookane ka nama nhin
subah chala poorab me aakar
phir usako aarama nhin
chalata roj rah par apani
dinbhar kahi viram nhin